तेरे करिश्मे का
तेरे करिश्मे का अब इंतजार सबको है
एक तू ही तो है जिससे प्यार सबको है
जहॉं में कौन है जो तुझसा दानदाता है
कोई एक मांगे तू देता हजार सबको है
सारे दरवाजे बंद करते हैं दुनिया वाले
खुला रहता है तेरा रोज द्वार सबको है
बहुत लगा के जुगत लोग हार जाते हैं
अंत में तेरी कृपा की पुकार सबको है
जगत में औरों से कोई कुछ भी न चाहे
तेरी रहमत की तुझसे गुहार सबको है
बीच मझधार में फँस कर रह गयी नैया
पर भरोसा है लगाता तू पार सबको है