तेरे इश्क़ में मेरी जाँ मैं तो खो गया हूँ,
तेरे इश्क़ में मेरी जाँ मैं तो खो गया हूँ,
क्या कहूं मैं किस कदर तेरा दीवाना हो गया हूँ।
क्या बताऊं कैसे कैसे लोग मिलते हैं आज कल मुझसे,
मैं बस प्यार करने का एक ठिकाना हो गया हूँ,
देखा तो नहीं है तुझे आज तक, तेरी आवाज़ सुनी है,
बस मैं तो तेरी आवाज़ का दीवाना हो गया हूँ,
मोहब्बत बस तुझसे है सच कहता हूँ,मान ले,
तुझे मनाते मानते मैं दुनियां के लिए एक फसाना हो गया हूँ,
इश्क़ में इतने दर्द हैं,बता नहीं सकता,
इश्क़ में मैं बस दर्द का ठिकाना हो गया हूँ।