तेरी ही राह देखें आंखें मेरी
तेरी ही राह देखें आंखें मेरी
—————————
तेरी ही राह देखें आंखें मेरी,
थक गई इंतजार करते आंखें मेरी।
आकर सांवरे कब दर्शन दोगे,
प्यासे नैनों की पीड़ा,कब दूर करोगे।
जब तक मेरी सांसें हैं, तेरा ही नाम
जपूं मैं।
इक पल ऐसा न जाए,जब तुमको
याद कंरू न मैं।।
आकर मेरे उर में, तुम वास करो।
आकर कान्हा तुम मेरी, पीड़ा हरो।।
तुम बिन और न भावे मेरे उर को।
पल -पल मन तरसे, तुमसे मिलने को।।
होंठों की मुरलिया बनाकर मुझको।
सुरीला संगीत बना लो अपना मुझको।
वर्षों से इंतजार है, आने का तुम्हारे।
पथ में बैठी राह निहारे,नैना मेरे ।।
तेरी ही राह देखें आंखें मेरी —–
सुषमा सिंह*उर्मि,,