तेरी हर चाल से वाकिफ हूँ मैं
तेरी हर चाल से वाकिफ हूँ मैं
अनजाने सफ़र का ठहरा मुसाफ़िर हूँ मैं
सोच समझकर रखा है क़दम अंगारों में
घायल सिरफिरा सा आशिक़ हूँ मैं
भूपेंद्र रावत
21।04।2020
तेरी हर चाल से वाकिफ हूँ मैं
अनजाने सफ़र का ठहरा मुसाफ़िर हूँ मैं
सोच समझकर रखा है क़दम अंगारों में
घायल सिरफिरा सा आशिक़ हूँ मैं
भूपेंद्र रावत
21।04।2020