तेरी सादगी
तेरी सादगी
————–
तेरी सादगी के चर्चे हर शहर में
मुस्कान पे होंगे तेरे लाखों फिदा।।1।।
हम तो ठहरे तेरे आशिक
क्यों न करे तेरा ये हुस्न बयां।।2।।
शोख अदाएं तेरी कातिल
कहीं मार ना डाले हमको।।3।।
चाल हैं मस्तानी सी
कहीं पागल ना करदे हमको।।4।।
दो बोल क्या तूने सुनाएं
गूंज रहीं हैं आवाज हममें।।5।।
नजर न डाल यूं हमपर
कहीं फिसल ना जाएं पैर हमारे।।6।।
दुवा करते हैं हम रब से
कहीं नजर ना लग जाए हमारी।।7।।
यह सादगी तेरी बरकरार रहे
तुम्हे उमर भी लग जाए हमारी।।8।।
मंदार गांगल “मानस”