तेरी याद मै करता हूँ हरपल, हे ईश्वर !
तेरी याद मै करता हूँ हरपल, हे ईश्वर !
परवाह अब मुझे अपनी नहीं,
इस जहाँ से क्या उम्मीद करू खुद के लिए,
तेरी उम्मीद से ही ये जहाँ है मुझको नसीब।
तेरी याद मै करता हूँ हरपल, हे ईश्वर !
परवाह अब मुझे अपनी नहीं,
इस जहाँ से क्या उम्मीद करू खुद के लिए,
तेरी उम्मीद से ही ये जहाँ है मुझको नसीब।