तेरी याद में.!
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मेरी जिन्दगी की उदास-राहों में-
बहार बनकर चले आओं तुम।
और न तड़फाओं मेरे दिल को !
मेरे प्यार के सागर कहाॅं हो तुम।।
तेरा प्यार पाने की लालसा में-
रात-दिन ! ये दिल बेचैन रहता है।
तेरी याद में पागल है- ये दिल !
रात-रात भर जागता ही रहता है।।
कहीं ऐसा न हो कि तेरी याद में-
ये दिल तड़फ-तड़फ के दम तोड़ दें।
फिर अफसोस करना पड़े तुम्हें !
हे साथी ! ये प्यार के बंधन जोड़ दें।।
तुम कहाॅं चले गए- जीवन साथी !
तुम बिना कटेगा नहीं- जीवन सफर।
मेरा दिल बार-बार पुकारता है तुम्हें !
अब तो चले आओं ! मेरे हमसफर।।
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रचयिता: प्रभुदयाल रानीवाल==
====*उज्जैन*{मध्यप्रदेश}*====
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