तेरी याद आती हां, बहुत याद आती है मां
तेरी याद आती हां, बहुत याद आती है मां
वो बचपन की यादें,वो मीठी सी बातें
वो भीगी सी गर्मी वो ठंडी सी राते
तेरी याद आती मां ,बहुत याद आती मां
वो आंचल में सोना,वो बिस्तर भिगोना
वो छोटी सी बातों में पल पल में रोना
तेरी याद आती मां ,बहुत याद आती मां
वो परियों के किस्से वो राजा की रानी
वो बचपन में नानी की प्यारी कहानी
तेरी याद आती मां, बहुत याद आती मां
वो बर्षा के पानी में आंगन में खेले
वो गुड्डे वो गुड़ियां वो बचपन के मेले
तेरी याद आती मां ,बहुत याद आती मां
वो बचपन का हंसना वो रोना वो गाना
वो नानी के पीछे का छोटा सा कोना
तेरी याद आती मां ,बहुत याद आती मां
वो छोटी सी जिंद करके खाना खिलाती
वो आंचल अपने थी हमको सुलाती
वो नानी के पीछे का छोटा सा कोना
✍️कृष्णकांत गुर्जर