Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jun 2021 · 1 min read

“तेरी यादे”

आंखों के रंगमंच पर ,
अभिनय करती ,
तेरी यादें ।
कभी हंसाती,
कभी रुलाती,
धूप सी तिखी,
छांव सी मीठी,
तो कभी ,
कांटों जैसी चुभन सी ,
एहसास दिलाती है ,
यह रातें ।
आंखों के रंगमंच पर ,
अभिनय करती ,
“तेरी यादें ” ।
ओस की बूंदो सी ,
चममकती ,
आसमान मे ,
पंछीयो ,
सी उड़ती ,
पहाड़ों पर
झरनो सी,
उतरती
तो कभी,
दिल पर बिजली सी
गिरती वो बातें ।
आंखों के रंगमंच पर,
अभिनय करती,
” तेरी यादें ” ।
क्या अब भी,
वहां बादलों में
चांद कोई निकलता है,
क्या अब भी
हवा के झोंकों से,
बाल किसी का उड़ता है ,
क्या अब भी,
वहा इंतजार में बिछी है,
किसी की आंखें ।
आंखों के रंगमंच पर ,
अभिनय करती,
” तेरी यादें” ।

Language: Hindi
1 Like · 4 Comments · 271 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
छात्रों का विरोध स्वर
छात्रों का विरोध स्वर
Rj Anand Prajapati
तारीफों में इतने मगरूर हो गए थे
तारीफों में इतने मगरूर हो गए थे
कवि दीपक बवेजा
कहीं खूबियां में भी खामियां निकाली जाती है, वहीं कहीं  कमियो
कहीं खूबियां में भी खामियां निकाली जाती है, वहीं कहीं कमियो
Ragini Kumari
मत कर
मत कर
Surinder blackpen
💐प्रेम कौतुक-342💐
💐प्रेम कौतुक-342💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
संत कबीर
संत कबीर
Lekh Raj Chauhan
लाल बहादुर शास्त्री
लाल बहादुर शास्त्री
Kavita Chouhan
"तू-तू मैं-मैं"
Dr. Kishan tandon kranti
मुख्तसर हयात है बाकी
मुख्तसर हयात है बाकी
shabina. Naaz
तुम्हारा एक दिन..…........एक सोच
तुम्हारा एक दिन..…........एक सोच
Neeraj Agarwal
दिनकर/सूर्य
दिनकर/सूर्य
Vedha Singh
डा. अम्बेडकर बुद्ध से बड़े थे / पुस्तक परिचय
डा. अम्बेडकर बुद्ध से बड़े थे / पुस्तक परिचय
Dr MusafiR BaithA
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*दो दिन सबके राज-रियासत, दो दिन के रजवाड़े (हिंदी गजल)*
*दो दिन सबके राज-रियासत, दो दिन के रजवाड़े (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
प्रकाश एवं तिमिर
प्रकाश एवं तिमिर
Pt. Brajesh Kumar Nayak
■ मुक्तक
■ मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
क्रिकेट का पिच,
क्रिकेट का पिच,
Punam Pande
कितना तन्हा
कितना तन्हा
Dr fauzia Naseem shad
चुगलखोरी एक मानसिक संक्रामक रोग है।
चुगलखोरी एक मानसिक संक्रामक रोग है।
विमला महरिया मौज
मुझे अपनी दुल्हन तुम्हें नहीं बनाना है
मुझे अपनी दुल्हन तुम्हें नहीं बनाना है
gurudeenverma198
.......*तु खुदकी खोज में निकल* ......
.......*तु खुदकी खोज में निकल* ......
Naushaba Suriya
चश्मे
चश्मे
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
हिन्दी दोहा बिषय-जगत
हिन्दी दोहा बिषय-जगत
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*** चोर ***
*** चोर ***
Chunnu Lal Gupta
23/173.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/173.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
लिखते हैं कई बार
लिखते हैं कई बार
Shweta Soni
कोई बात नहीं देर से आए,
कोई बात नहीं देर से आए,
Buddha Prakash
वैशाख की धूप
वैशाख की धूप
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
चुनावी रिश्ता
चुनावी रिश्ता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गल्प इन किश एंड मिश
गल्प इन किश एंड मिश
प्रेमदास वसु सुरेखा
Loading...