Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Oct 2018 · 1 min read

तेरी यादें

तुझ जैसी तेरी यादें भी जालिम, तड़पाने चली आती है।
जब देखती है तन्हाई में तो मुझको, सताने चली आती है।।

गर कभी खुश हो भी लूं, जा भूले से किसी महफ़िल में।
बेतकल्लुफ वो बेवफ़ा फिर मुझे, रुलाने चली आती है।।

भूल जाता जख़्मों को जो कभी, खाये थे तेरे प्यार में।
पर जाने उन घावों को क्यों नासूर, बनाने चली आती है।।

थक हार “चिद्रूप”आख़री नींद, कब का सो जाता मगर।
वो अंधेरी रातो में चराग जलाने के, बहाने चली आती है।।

©® पांडेय चिदानंद “चिद्रूप”
(सर्वाधिकार सुरक्षित २५/१०/२०१८)

11 Likes · 254 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Not a Choice, But a Struggle
Not a Choice, But a Struggle
पूर्वार्थ
ग्रन्थ
ग्रन्थ
Satish Srijan
ख़ून इंसानियत का
ख़ून इंसानियत का
Dr fauzia Naseem shad
उसे मैं भूल जाऊंगा, ये मैं होने नहीं दूंगा।
उसे मैं भूल जाऊंगा, ये मैं होने नहीं दूंगा।
सत्य कुमार प्रेमी
Bundeli Doha by Rajeev Namdeo Rana lidhorI
Bundeli Doha by Rajeev Namdeo Rana lidhorI
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
यहां  ला  के हम भी , मिलाए गए हैं ,
यहां ला के हम भी , मिलाए गए हैं ,
Neelofar Khan
मातृत्व
मातृत्व
साहित्य गौरव
3293.*पूर्णिका*
3293.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"जांबाज़"
Dr. Kishan tandon kranti
मुहब्बत
मुहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
साकार नहीं होता है
साकार नहीं होता है
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
Speak with your work not with your words
Speak with your work not with your words
Nupur Pathak
वो तो एक पहेली हैं
वो तो एक पहेली हैं
Dr. Mahesh Kumawat
*भरोसा हो तो*
*भरोसा हो तो*
नेताम आर सी
दोलत - शोरत कर रहे, हम सब दिनों - रात।
दोलत - शोरत कर रहे, हम सब दिनों - रात।
Anil chobisa
आप नहीं तो ज़िंदगी में भी कोई बात नहीं है
आप नहीं तो ज़िंदगी में भी कोई बात नहीं है
Yogini kajol Pathak
■ जनादेश की ऐसी-तैसी...
■ जनादेश की ऐसी-तैसी...
*प्रणय प्रभात*
हिन्दी पर नाज है !
हिन्दी पर नाज है !
Om Prakash Nautiyal
तुम्हारे महबूब के नाजुक ह्रदय की तड़पती नसों की कसम।
तुम्हारे महबूब के नाजुक ह्रदय की तड़पती नसों की कसम।
★ IPS KAMAL THAKUR ★
मूर्ख बनाने की ओर ।
मूर्ख बनाने की ओर ।
Buddha Prakash
दीदार
दीदार
Vandna thakur
World Hypertension Day
World Hypertension Day
Tushar Jagawat
असर हुआ इसरार का,
असर हुआ इसरार का,
sushil sarna
फिर क्यों मुझे🙇🤷 लालसा स्वर्ग की रहे?🙅🧘
फिर क्यों मुझे🙇🤷 लालसा स्वर्ग की रहे?🙅🧘
डॉ० रोहित कौशिक
पुनर्वास
पुनर्वास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
क्या....
क्या....
हिमांशु Kulshrestha
*मकर संक्रांति पर्व
*मकर संक्रांति पर्व"*
Shashi kala vyas
जिंदगी
जिंदगी
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
-शेखर सिंह ✍️
-शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
Loading...