तेरी यादें
ये अश्क भी कितने बेवफा होते है;
तेरी यादों के साथ-साथ चले आते हैं।
कितना भी चाहे हम की ये इन आँखों को न नसीब हों; पर तेरे बहाने ही हमें रुसवा करने चले आते हैं।।
ये अश्क भी कितने बेवफा होते है;
तेरी यादों के साथ-साथ चले आते हैं।
कितना भी चाहे हम की ये इन आँखों को न नसीब हों; पर तेरे बहाने ही हमें रुसवा करने चले आते हैं।।