तेरी नजरों में।
तेरी नजरों में बनकर नया ख़्वाब हम बस जायेगें।
रोते हुए तेरे इस चेहरे को शादाब हम कर जायेंगें।।1।।
तिनका तिनका समेट कर जहान की खुशियों का।
तुम्हारी दिलकी बस्ती को आबाद हम कर जायेंगें।।2।।
अन्देशें ना रखना अपने दिल में गमो के आने का।
तेरे लबों के मुस्कुराने का अस्बाब हम बन जायेंगें।।3।।
तेरी ज़िंदगी में रोशन ए आफताब हम बन जायेंगे।
घर आयी रात चांदनी का महताब हम बन जायेंगें।।4।।
अश्क भी आया तेरी आंखों में तो खुशी का होगा।
तेरे लिए जिन्दगी-मौत से दो-चार हम कर जायेंगें।।5।।
गर ज़माने ने रखी शर्त तेरी खुशियां के बदले मौत।
तो मरके तेरी जिंदगी को गुलज़ार हम कर जायेंगें।।6।।
शादाब=निर्मल,ताजा नया
अस्बाब=कारण
गुलज़ार=उपवन
ताज मोहम्मद
लखनऊ