तेरी दुनिया से अलग
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तेरी दुनिया
से अलग
मैनें बना ली
अपनी दुनिया।
जिसके दिन सुहानी
और रातें रूहानी।
जिसके सुबह दिलकश
और शामें दीवानी।
जिसकी धूप में नरमी
और हवा में रवानी।
खुला आकाश है
और खिली प्रकृती।
यहाँ सुख,शान्ति
और रोम-रोम पुलकित।
???? -लक्ष्मी सिंह