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22 Mar 2022 · 1 min read

तेरा हाथ हो मेरे हाथ में

तेरा हाथ हो मेरे हाथ में ।
तेरा ज़िक्र हो मेरी बात में ।।
बन के खुशबूओं का चमन ।
तुम महको मेरी ज़ात में ।।
न जिस्म की हों ज़रूरतें ।
तेरा साथ हो हर रात में ।।
आये मज़ा फिर जीने का ।
कभी भीगो जो बरसात में ।।
ये नये क़िस्म का दौर है ।
कुछ मज़ा नहीं जज़्बात में ।।
तेरा हाथ हो मेरे हाथ में ।
तेरा ज़िक्र हो मेरी बात में ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

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