तेरा पापा… अपने वतन में
पापा की…
लाड़ली बिटिया…
पापा आपके पास ही हैं …!
दुखी मत हुआ कर…
मेरी परी…!
जब तू हँसती है….
मुझे बहुत अच्छी लगली है…!
जब रोती है…
तो…
मेरा दिल भी रोने लगता है…!
तू मुझे याद कर…
पगली….
दुखी रहेगी…!
तो क्या…?
तेरा पापा ठीक रह पायेगा..!
मेरी लाड़ली ….
तू अगर चाहती है…!
तेरा पापा…
अपने वतन में….
खुश व सुखी…
ऒर शान्ति से रह सके…!
तो तुझे…
अपने पापा की सौगन्ध है….!
तू कभी उदास…
या दुखी…
नहीं होगी मेरी बच्ची…!
तू मुझे याद कर….
पर खुशी से…..!
अपने खट्टे- मीठे लम्हें ….
मेरे साथ बाँट…..
अपने और मेरे जन्म दिन पर …..
ख़ुशी से पार्टी कर….!
ऒर….
मुझे भी बुला….
अपनी पार्टी में……!
जब तू खुशी से….
याद करेगी….
मैं सदा तेरे आस-पास ही रहूँगा….!
© डॉ० प्रतिभा ‘माही’