तू ही मेरा रहनुमा है
1)तू ही मेरा रहनुमा है
तू ही मंज़िल का पता है
2)इन फिज़ाओं ने भी चुपके
से कहा तू ही मिरा है
3)मख़मली हाथों में तेरे
नाम मेरा ही लिखा है
4)इन निगाहों में सनम की
जुस्तजू है ख़्वाब सा है
5)क्यूं नज़र बेचैन तेरी
राज़ क्या इनमें छिपा है
6)दरमियाॅं अब दो दिलों के
चाहतों का सिलसिला है
7)हर्फ़ का तू है तरन्नुम
या ग़ज़ल का आईना है
8)सुर्ख़ होंठों की बनावट
गुल कोई जैसे खिला है
9)कह रही हर एक धड़कन
मंतशा तू हमनवा है
🌹मोनिका मंतशा🌹