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24 Feb 2018 · 1 min read

तू ही बता जिंदगी

सारी उम्र गुजार दी मैंने उसके जवाब देते देते,
अब तू ही बता अ जिंदगी!
उसका और कौनसा सवाल बाकी है।।

ख़्वाब-ए-हसरत तोड़ी उसने हमेशा से मेरी,
अब तू ही बता अ जिंदगी!
उसके लिये कौनसा ख़्याल बाकी है।।

ताउम्र बचती रही मैं मदिरा के इन प्यालों से,
अब तू ही बता अ जिंदगी!
कौनसा अब नशा-ए-शवाब बाकी है।।

गमों से पाला रहा है मेरा यहां हर कदम पर,
अब तू ही बता अ जिंदगी!
कौनसा अब खुशी-ए-ख्वाब बाकी है।।

रास ना आई उसे मेरी ये तरक्की की राह,
अब तू ही बता अ जिंदगी!
क्यों दर्द का उसका दिया निशां बाकी है।।

मौत ही दी उसने मेरी हर सांस पर मुझे,
अब तू ही बता अ जिंदगी!
क्यो “मलिक” को करना हलाल बाकी है।।

समझा फूल पर कांटे ही दिए मुझे उसने,
तू ही बता अ जिंदगी!
अब कौन सा और कमाल बाकी है।
उसका और कौनसा सवाल बाकी है।।

Language: Hindi
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