Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2018 · 1 min read

हिंदू तू हो गया मैं मुसलमान हो गया

बह्र-मजारे अख़रव मक्फ़ूफ़ मक्फ़ूफ़ महजूफ़
वज़्न-221 2121 1221 212
ग़ज़ल
हिंदू तू हो गया मैं मुसलमान हो गया।
वो आदमी कमाल जो इंसान हो गया।।

क्या खूब नाम हमने तो उस रब के रख लिये।
मेरा ख़ुदा हुआ तेरा भगवान हो गया।।

तूने पढ़ी न मैने सबक ही लिया कोई।
गीता हुई तेरी मेरा कुर’आन हो गया।।

मैने वुजू किया है किया तूने आचमन।
मेरा गुसल हुआ तेरा स्नान हो गया।।

होती बहस है रोज यूं मुद्दे उछाल कर।
मज़हब तो आज जंग का मैदान हो गया।।

कुदरत ने तो अनीशदिया रंग हर हमें।
अब लाल या हरे की ये पहचान हो गया।।
@nish shah

269 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
'मेरे बिना'
'मेरे बिना'
नेहा आज़ाद
*योग-दिवस (बाल कविता)*
*योग-दिवस (बाल कविता)*
Ravi Prakash
दिल का सौदा
दिल का सौदा
सरिता सिंह
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*Author प्रणय प्रभात*
श्री श्याम भजन 【लैला को भूल जाएंगे】
श्री श्याम भजन 【लैला को भूल जाएंगे】
Khaimsingh Saini
कभी भूल से भी तुम आ जाओ
कभी भूल से भी तुम आ जाओ
Chunnu Lal Gupta
Oh life ,do you take account!
Oh life ,do you take account!
Bidyadhar Mantry
इंद्रदेव की बेरुखी
इंद्रदेव की बेरुखी
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कांतिपति का चुनाव-रथ
कांतिपति का चुनाव-रथ
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
समझ
समझ
Dinesh Kumar Gangwar
संसार है मतलब का
संसार है मतलब का
अरशद रसूल बदायूंनी
शब्दों में प्रेम को बांधे भी तो कैसे,
शब्दों में प्रेम को बांधे भी तो कैसे,
Manisha Manjari
हिंदी
हिंदी
Pt. Brajesh Kumar Nayak
तात
तात
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
काव्य की आत्मा और औचित्य +रमेशराज
काव्य की आत्मा और औचित्य +रमेशराज
कवि रमेशराज
आओ ऐसा एक भारत बनाएं
आओ ऐसा एक भारत बनाएं
नेताम आर सी
कितनी सहमी सी
कितनी सहमी सी
Dr fauzia Naseem shad
बाँकी अछि हमर दूधक कर्ज / मातृभाषा दिवश पर हमर एक गाेट कविता
बाँकी अछि हमर दूधक कर्ज / मातृभाषा दिवश पर हमर एक गाेट कविता
Binit Thakur (विनीत ठाकुर)
*****राम नाम*****
*****राम नाम*****
Kavita Chouhan
हम लड़के हैं जनाब...
हम लड़के हैं जनाब...
पूर्वार्थ
व्यथा दिल की
व्यथा दिल की
Devesh Bharadwaj
स्वच्छंद प्रेम
स्वच्छंद प्रेम
Dr Parveen Thakur
2326.पूर्णिका
2326.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
भूल जा इस ज़माने को
भूल जा इस ज़माने को
Surinder blackpen
एक देश एक कानून
एक देश एक कानून
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जो लिखा नहीं.....लिखने की कोशिश में हूँ...
जो लिखा नहीं.....लिखने की कोशिश में हूँ...
Vishal babu (vishu)
मेरी शायरी की छांव में
मेरी शायरी की छांव में
शेखर सिंह
जीवन के रंग
जीवन के रंग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
माँ वाणी की वन्दना
माँ वाणी की वन्दना
Prakash Chandra
"आशिकी ने"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...