“तू भी परेशान होंगी”
हर रोज़, तेरा नाम लेते हैं।
??छुप छुप के ,तुझे देखा करते हैं।
कभी तो कुदरत मेहरबां होगी।
??जिस तरह तड़पते है हम,उस तरह तू भी परेशान होंगी।
हर रोज़, तेरा नाम लेते हैं।
??छुप छुप के ,तुझे देखा करते हैं।
कभी तो कुदरत मेहरबां होगी।
??जिस तरह तड़पते है हम,उस तरह तू भी परेशान होंगी।