तू भी इसां कहलाएगा
***तू भी इसां कहलाएगा***
मज़हब को रण में बदलके
हिंसा की आग लगाने बाले
तू भी ना इससे बच पायेगा
इसां को भड़काने बाले ।
घर आज जला मजलूमों का
कल होगा हाल यही तेरा
हिंसा की ज्वाला जलाने बाले
तू भी ना इससे बच पायेगा
इसां को भड़काने बाले ।।
एक बार तू छोड़के मज़हब को
तू आग लगा मात्र-भक्ति की
मात्र-भक्ति की इस आग में
जो तूने खुद को जला डाल
मरके तू अमर हो जाएगा
पूजेगे लोग तुझे कल्पों तक
कल्पों तक अमर हो जाएगा
अहिंसा की आग लगाकर देख
तू भी इसां कहलाएगा ।।।
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दिनेश कुमार गंगवार