Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Apr 2020 · 1 min read

तू जानता नही कौन हूं मै,?

आज वैश्विक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पे समस्त डॉक्टर्स को समर्पित…….. तू जानता नहीं कौन हूं मै? तू कौन है और किसे डरा रहा है तू ? तू जानता नही कौन हूं मै? देख छुप छुपकर नकाब पहनकर मुझपर हमला न कर! तू जानता नही कौन हूं मै? मैंने तेरे जैसे कितने नकाब पोशों को बेनकाब किया है। तू जानता नही कौन हूं मै ? क्या बोल रहे हो “तुम कर सकते हो मेरे अपनों की हानी” तू जानता नही कौन हूं मै? मेरे अपनों की गिनती न कर हर इंसान है मेरा अपना! तू जानता नही कौन हूं मै? क्या कहता है तू मुझे डरा देगा,
मुझे तू मिटा देगा! तू जानता नही कौन हूं मै? चल हट जा मै तुझे मिटाने
अपनी हस्ती भी मिटा दूंगा! तू जानता नही कौन हूं मै? तू कौन है मुझे मृत्यु देनेवाला? तू जानता नही कौन हूं मै? जीवन दाता हमेशा और
सदा मेरे साथ रहता है! तू जानता नही कौन हूं मै? देख मेरे साथ दुवाओं के
कितने हाथ है! तू जानता नही कौन हूं मै? देख कोरोना अब ना रोना
तुझे परास्त करनेवाला डॉक्टर हूं मै! तू जानता नही कौन हूं मै? अब क्यों भाग रहे हो तुम ……………? ❤ ठाकुर छतवाणी ( श्री मित्रा जसोदा पुत्र ). Dt 07/04/2020

Language: Hindi
1 Like · 354 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सावन मास निराला
सावन मास निराला
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जला रहा हूँ ख़ुद को
जला रहा हूँ ख़ुद को
Akash Yadav
2462.पूर्णिका
2462.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कविता -
कविता - "सर्दी की रातें"
Anand Sharma
■ताज़ा शोध■
■ताज़ा शोध■
*Author प्रणय प्रभात*
सोच बदलनी होगी
सोच बदलनी होगी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बेरोजगारी
बेरोजगारी
साहित्य गौरव
दिव्य ज्ञान~
दिव्य ज्ञान~
दिनेश एल० "जैहिंद"
मंज़र
मंज़र
अखिलेश 'अखिल'
सुनें   सभी   सनातनी
सुनें सभी सनातनी
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जो बीत गया उसकी ना तू फिक्र कर
जो बीत गया उसकी ना तू फिक्र कर
Harminder Kaur
एक सपना देखा था
एक सपना देखा था
Vansh Agarwal
दोहे : प्रभात वंदना हेतु
दोहे : प्रभात वंदना हेतु
आर.एस. 'प्रीतम'
विश्व पर्यटन दिवस
विश्व पर्यटन दिवस
Neeraj Agarwal
प्रथम नमन मात पिता ने, गौरी सुत गजानन काव्य में बैगा पधारजो
प्रथम नमन मात पिता ने, गौरी सुत गजानन काव्य में बैगा पधारजो
Anil chobisa
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर....
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
जब बहुत कुछ होता है कहने को
जब बहुत कुछ होता है कहने को
पूर्वार्थ
ज़िन्दगी में किसी बड़ी उपलब्धि प्राप्त करने के लिए
ज़िन्दगी में किसी बड़ी उपलब्धि प्राप्त करने के लिए
Paras Nath Jha
आतंकवाद
आतंकवाद
नेताम आर सी
अपनी अपनी सोच
अपनी अपनी सोच
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
क्या कहती है तस्वीर
क्या कहती है तस्वीर
Surinder blackpen
*नमन सकल जग के स्वामी【हिंदी गजल/गीतिका】*
*नमन सकल जग के स्वामी【हिंदी गजल/गीतिका】*
Ravi Prakash
मेरे नयनों में जल है।
मेरे नयनों में जल है।
Kumar Kalhans
हम ख़फ़ा हो
हम ख़फ़ा हो
Dr fauzia Naseem shad
कहने को आज है एक मई,
कहने को आज है एक मई,
Satish Srijan
सामाजिक मुद्दों पर आपकी पीड़ा में वृद्धि हुई है, सोशल मीडिया
सामाजिक मुद्दों पर आपकी पीड़ा में वृद्धि हुई है, सोशल मीडिया
Sanjay ' शून्य'
मिलेंगे कल जब हम तुम
मिलेंगे कल जब हम तुम
gurudeenverma198
अंबेडकर और भगतसिंह
अंबेडकर और भगतसिंह
Shekhar Chandra Mitra
तेरी चाहत का कैदी
तेरी चाहत का कैदी
N.ksahu0007@writer
अपने जमीर का कभी हम सौदा नही करेगे
अपने जमीर का कभी हम सौदा नही करेगे
shabina. Naaz
Loading...