तू आ पास पहलू में मेरे।
तू आ पास पहलू में मेरे तेरी रूह में मैं दाखिल हो जाऊं।
बनकर सांसे तेरे दिल की धड़कन में मैं शामिल हो जाऊं।।1।।
मैं सज्दा करूं तेरे वास्ते, दुआओं में तुझको ही मांगू।
बनाकर तुझको अपना जिंदगी में मैं कामिल हो जाऊं।।2।।
सुना है परवाने शम्मा ए मुहब्बत में जलते है।
तेरे इश्क में फना होकर खुद का मैं कातिल हो जाऊ।।3।।
ऐ काश तेरे संग बीते बाकी की सारी जिंदगी।
तेरी चाहतों के गहरे समंदर का मैं साहिल हो जाऊं।।4।।
बहुत तड़पा हूं मैं जिन्दगी की तन्हाईयों में।
आगोश में तेरी आकर इस जहां से मैं गाफिल हो जाऊं।।5।।
वफा की चाहतों से मैं तेरे हुस्न को निखार दूं।
बनकर बूंदे शबनम की तुझ पर मैं नाज़िल हो जाऊं।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ