तूने सोती कौम को जगा दिया
तूने सोती कौम को जगा दिया ।
संविधान देश का बना दिया रे….2
गले में हांड़ी कमर में झाड़ू , तब न कोई देवता आया ।
भीमराव ही बने मसीहा, सब दुखः यूँ तेरे भागे ।।
दुःखों की फसल को जला करके..
दुःखों की फसल को जला करके ।
सुखी जीवन तेरा बना दिया ।
संविधान देश का बना दिया रे…….2
हक दिलवान ख़ातिर भीम ने क्या -2 दी कुर्बानी ।
ओ अनजाने समझ ले अब भी, न आनी फिर जिंदगानी ।।
तेरे लिये लड़ा है कोई जीवन भर…
तेरे लिए लड़ा है कोई जीवन भर ।
भीमराव को तूने भुला दिया ।
संविधान देश का बना दिया रे…….2
पढ़न-लिखण की थी न इजाज़त,
आज पढ़ -लिख अफ़सर बन बैठा ।
पैर की जूती जो कहते थे,
आज सलामी वो तुझे ठोंकता ।।
तेरी किस्मत अब तेरे हाथ में,
नहीं किसी का ज़ोर यूँ चलता..।
तुझे तेरा भाग्य बनाना सिखा दिया..
संविधान देश का बना दिया रे…..2
आर एस बौद्ध”आघात”
8475001921