तुम
चाँद की उजली चाँदनी हो तुम,
मोहब्बत की सुंदर कहानी हो तुम।
प्यासे नैनो की ज्योत हो तुम,
मन की आशा की स्त्रोत हो तुम।
अद्भुत, अलौकिक चरित्र की रानी हो तुम,
मेरे मन के मरुस्थल की कामिनी हो तुम।
इस अपूर्ण जीवन की पूर्ण सार हो तुम,
इस मरूभूमि में मेरी अधूरी कहानी हो तुम ।
© अभिषेक पाण्डेय अभि