तुम
तुम
जरा सी गुफ्तगू
और तुम्हें ….
राजदार कर लिया।
एक क्षण की स्मृति
और
उस स्मृति में तुम।
चंद शब्दों की कविता
और
तहरीर तुम ।
तुम्हारे….
कई रुपाकार
उनमें ……
खुद को ढूंढ लिया
तुम ही बताओ
इसमें …..
क्या गुनाह किया।
संगीता बैनीवाल
तहरीर= लिखावट
***