तुम
क्या तुमने सुना है
रेत की प्रतीक्षा
का शोर..
क्या तुमने समझी है
तट को छोड़ कर
जाती नदियों के
विछोह की पीड़ा?
अगर नहीं..तो सुनना.. समझना
पत्तों के हरे से पीला
होने के संघर्ष का मौन दर्द
और सोचना कि तुम..
अभी तक ..अपनों के साथ हो..
इसलिए भाग्यशाली हो!!
रश्मि लहर