Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Mar 2022 · 1 min read

तुम….

सुनो,
कुछ माँगू तुमसे तो दे सकोगे तुम…

हाँ … तुम अपना वक्त मुझे दो,
उस वक्त में तुम कहीं भी रहों,
बस मेरे होने का एहसास तुम्हारें अंदर बसा रहें…

हाँ … तुम अपनी साँसे मुझे दो,
जिन से तुम्हारे घर के हर एक कमरे कोने में,
तुम्हारा मेरे आसपास होने का एहसास मुझे दिलाता रहें…

हाँ … तुम अपनी धड़कने मुझे दो,
जिनकी धुन मेरे कानों को तुम्हारें दिल के इतने करीब रख सके के,
किसी तिसरे का हम दोनों के बीच कोई वजूद ही ना रखें…

हाँ … तुम अपना साया तुम मुझे दो,
जिस से मैं कहीं पर भी रहूँ ,किसी वक्त भी रहूँ,
तुम्हारा साया मेरा आत्मविश्वास बन मेरे संग हर कदम चलें…

हाँ … तुम अपनी आवाज मुझे दो,
जिस आवाज के सामने दुनिया की किसी भी बात से,
मेरे दिल को कोई ठेंस ना लगे…

हाँ… तुम मुझे वो अपना स्पर्श दो,
जिसकी महक से मैं अपनी आखरी साँस भी ऐसे जोड़ लूँ के,
जाते वक्त भी सिर्फ तुम्हारी ही बाहों में मेरा जिस्म रहें …

सबकुछ ही दो अपना….. जो मेरे बाद किसी और का ना हो सके….
#ks

Language: Hindi
387 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गलतियां सुधारी जा सकती है,
गलतियां सुधारी जा सकती है,
Tarun Singh Pawar
तबकी  बात  और है,
तबकी बात और है,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
2950.*पूर्णिका*
2950.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
लिये मनुज अवतार प्रकट हुये हरि जेलों में।
लिये मनुज अवतार प्रकट हुये हरि जेलों में।
कार्तिक नितिन शर्मा
ज़िंदगी पर तो
ज़िंदगी पर तो
Dr fauzia Naseem shad
*जनहित में विद्यालय जिनकी, रचना उन्हें प्रणाम है (गीत)*
*जनहित में विद्यालय जिनकी, रचना उन्हें प्रणाम है (गीत)*
Ravi Prakash
कि लड़का अब मैं वो नहीं
कि लड़का अब मैं वो नहीं
The_dk_poetry
सुविचार
सुविचार
Neeraj Agarwal
जिन्दगी हमारी थम जाती है वहां;
जिन्दगी हमारी थम जाती है वहां;
manjula chauhan
देश-विक्रेता
देश-विक्रेता
Shekhar Chandra Mitra
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
Ram Krishan Rastogi
"प्यासा"के गजल
Vijay kumar Pandey
वयम् संयम
वयम् संयम
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
नारी- स्वरूप
नारी- स्वरूप
Buddha Prakash
जय श्रीकृष्ण -चंद दोहे
जय श्रीकृष्ण -चंद दोहे
Om Prakash Nautiyal
सदा मन की ही की तुमने मेरी मर्ज़ी पढ़ी होती,
सदा मन की ही की तुमने मेरी मर्ज़ी पढ़ी होती,
Anil "Aadarsh"
चमत्कार को नमस्कार
चमत्कार को नमस्कार
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
उठो पथिक थक कर हार ना मानो
उठो पथिक थक कर हार ना मानो
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
खोज सत्य की जारी है
खोज सत्य की जारी है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
रमेशराज की पद जैसी शैली में तेवरियाँ
रमेशराज की पद जैसी शैली में तेवरियाँ
कवि रमेशराज
मैं हर महीने भीग जाती हूँ
मैं हर महीने भीग जाती हूँ
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
"गमलों में पौधे लगाते हैं,पेड़ नहीं".…. पौधों को हमेशा अतिरि
पूर्वार्थ
ପ୍ରାୟଶ୍ଚିତ
ପ୍ରାୟଶ୍ଚିତ
Bidyadhar Mantry
'सरदार' पटेल
'सरदार' पटेल
Vishnu Prasad 'panchotiya'
स्त्री का सम्मान ही पुरुष की मर्दानगी है और
स्त्री का सम्मान ही पुरुष की मर्दानगी है और
Ranjeet kumar patre
मनका छंद ....
मनका छंद ....
sushil sarna
"बरसात"
Dr. Kishan tandon kranti
■
■ "मान न मान, मैं तेरा मेहमान" की लीक पर चलने का सीधा सा मतल
*Author प्रणय प्रभात*
जो कुछ भी है आज है,
जो कुछ भी है आज है,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*संवेदना*
*संवेदना*
Dr Shweta sood
Loading...