तुम …
तुम ना होकर भी
मेरे जीवन में हो ।
उसी तरह,
जैसे फूलों में खुशबू ,
जैसे सागर में मोती ,
नदिया में लहरें ,
हवायों में ठंडक ,
अग्नि में तपन ,
तुम हो श्वास -श्वास में,
तुम हो मेरे प्राण ,
तुम हो ह्रदय की धड़कन में,
मेरी जिजीविषा बनकर ,
मेरी प्रेरणा ,
मेरी शक्ति ,
वास्तव में तुम ना होकर भी ,
मेरे लिए बहुत कुछ हो ।
तुम्हारे बिना मेरे वजूद की
कल्पना भी नहीं की जा सकती ।
तूम मेरा जीवन हो ।
अभी के लिए इतना कहना ही
प्रयाप्त होगा ।