Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2018 · 1 min read

“तुम”

हाँ यह तय है की मोहब्बत नही थी तुमसे कभी
मगर
ख्वाहिशों में तुम भी शामिल थी कभी।
#सरितासृजना

Language: Hindi
450 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
3200.*पूर्णिका*
3200.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"संवाद"
Dr. Kishan tandon kranti
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पिता
पिता
विजय कुमार अग्रवाल
खुशी(👇)
खुशी(👇)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
संगिनी
संगिनी
Neelam Sharma
बेटी
बेटी
Dr Archana Gupta
मित्रता दिवस पर विशेष
मित्रता दिवस पर विशेष
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
*बालरूप श्रीराम (कुंडलिया)*
*बालरूप श्रीराम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
भ्रम जाल
भ्रम जाल
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
■ निकला नतीजा। फिर न कोई चाचा, न कोई भतीजा।
■ निकला नतीजा। फिर न कोई चाचा, न कोई भतीजा।
*Author प्रणय प्रभात*
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
आप जब खुद को
आप जब खुद को
Dr fauzia Naseem shad
बिहार एवं झारखण्ड के दलक कवियों में विगलित दलित व आदिवासी-चेतना / मुसाफ़िर बैठा
बिहार एवं झारखण्ड के दलक कवियों में विगलित दलित व आदिवासी-चेतना / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
गाय
गाय
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*नियति*
*नियति*
Harminder Kaur
गज़ल सी कविता
गज़ल सी कविता
Kanchan Khanna
Ye ayina tumhari khubsoorti nhi niharta,
Ye ayina tumhari khubsoorti nhi niharta,
Sakshi Tripathi
कान्हा घनाक्षरी
कान्हा घनाक्षरी
Suryakant Dwivedi
💐प्रेम कौतुक-471💐
💐प्रेम कौतुक-471💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
गुमनाम ज़िन्दगी
गुमनाम ज़िन्दगी
Santosh Shrivastava
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
दिवाली मुबारक नई ग़ज़ल विनीत सिंह शायर
दिवाली मुबारक नई ग़ज़ल विनीत सिंह शायर
Vinit kumar
नमः शिवाय ।
नमः शिवाय ।
Anil Mishra Prahari
चाहो जिसे चाहो तो बेलौस होके चाहो
चाहो जिसे चाहो तो बेलौस होके चाहो
shabina. Naaz
मैंने खुद को जाना, सुना, समझा बहुत है
मैंने खुद को जाना, सुना, समझा बहुत है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
तुम किसी झील का मीठा पानी..(✍️kailash singh)
तुम किसी झील का मीठा पानी..(✍️kailash singh)
Kailash singh
हे सर्दी रानी कब आएगी तू,
हे सर्दी रानी कब आएगी तू,
ओनिका सेतिया 'अनु '
अक्सर लोगों को बड़ी तेजी से आगे बढ़ते देखा है मगर समय और किस्म
अक्सर लोगों को बड़ी तेजी से आगे बढ़ते देखा है मगर समय और किस्म
Radhakishan R. Mundhra
कल देखते ही फेरकर नजरें निकल गए।
कल देखते ही फेरकर नजरें निकल गए।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Loading...