तुम
हमने तो कहा नही था।
तुम खुद ही चले आये
दिल और दिमाग पर
कुछ इस तरह छाए।
आदि से अंत तक
सब कुछ बदल गया
नैनो में हास मन को
जैसे पंख ही लग गया।
कल्पना नही थी कि
ऐसा समय भी आएगा
तुम कभी नही होंगे
और सूनापन भर जाएगा।
छोड़ कर मजधार में
कहाँ तुम चले गए
दैव के ही हाथों हाय
हम तो छले गए ।।