तुम हो
कडकती धूप में ठंडी छांव सी तुम हो,
सर्द मौसम में एक गर्माहट सी तुम हो।
मेरे दिल की धडकन मेरी जिंदगी हो,
क्या कहूँ मेरी खुशी मेरी पूरक तुम हो।
भटकता हूँ जब राह जीवन की भागदौड में,
मेरी पथ प्रदर्शक और चिंतक तुम हो।
हो जाता जब कभी गुरुर मुझे अपने पर,
दिखाकर आईना खता माफ करती तुम हो।
मेरी आँखों का चैन और सुकून तुम हो,
क्या कहूँ प्रिय बहुत खूबसूरत तुम हो।
अशोक छाबडा
25112016