तुम हो फरेब ए दिल।
तुम हो फरेब ए दिल जो छोड़कर गए हो।
मुझको बरबाद कर के तुम सुधर गए हो।।1।।
बद्दुआ हम तुमको ना देंगें यूं बेवफ़ाई पर।
कोई मजबूरी होगी जो तुम बदल गए हो।।2।।
क्यों यकीं ना हो रहा है तुम मेरे थे कभी।
आज बातो में बहुत पराए से लग रहे हो।।3।।
गर कोई बात है तो बता दो तुम हम को।
क्यों इतना दर्द लेकर सीने में जी रहे हो।।4।।
तुमने तो कसम खाई थी संग रहने की।
क्यों तन्हा करके तुम हमको जा रहे हो।।5।।
मोहब्बत तो तुमको भी हमसे हो गई है।
जाने फिर क्यूं तुम इसको झुठला रहे हो।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ