तुम साथ हो तो मेरा खुदा हो खुदाई हो
तुम साथ हो तो मेरा खुदा हो खुदाई हो
जीने का सामां हो दिल हो दिलरुबाई हो
ये क्या कि तुम इल्ज़ाम दिए जाते हो
अच्छा है सज़ा दे दो क़ैद हो रिहाई हो
आज अच्छा सा कुछ सुनाओ मेरे सनम
गीत हो ग़ज़ल हो ख़याल हो रुबाई हो
रोशन सवेरे हैं कभी रातों के अंधेरे
जैसे सनम ने चिलमन उठाई हो गिराई हो
दिल से निकली हुई जा लगेगी वहाँ ज़रूर
रही हो उफ़ या आह दुआ हो दुहाई हो
बनाए हुए है यहाँ हर ज़ायक़ा अपनी कशिश
नमक हो नमकीन हो मीठा हो मिठाई हो
बयां हो गया आख़िर जो’सरु’-ए-दिल में था
दास्तां उसने चाहे लिखी हो सुनाई हो