तुम लौटकर एक दिन आओगी मेरे लिये
तुम लौटकर एक दिन आओगी मेरे लिये
सुनो न दूर दूर क्यो जा रही हो,जरा पास आइये,,,,,,,
हम आये है गुलदस्ता लेकर तुम्हारे लिये,,,,,,,,,,।
यू न जाओ मेरा दिल तोड़कर मुझ से मुँह मोडक़र,,,,,,,,,,,,,,
हम आये है हजारों अरमान दिल मे लिये,,,,,,,,,,,।
क्या खता हुईं हमे भी बतला दो,,,,,,,,,,,,,,।
हम और हमारा दिल राह पर खड़ा है मासूमियत लिये।।।।
सोचा था तुम्हें अपने दिल का हाल सुनायेंगे,,,,,,,,,,,
अपने हाथों में हाथ तुम्हारा हम लिये,,,,,,,,,,,,।
मोहब्बत करते हम तुमसे बेपनाह रुको न,,,,,,,,,,,,।
तुम जाओ न हमसे दूर आँखों मे अश्क लिये,,,,,,,,।
जब तक है साँसे सीने में मेरी सुन लो न,,,,,,,,,,,,,
मर जायेंगे हम दामन में टूटा अपना दिल लिये,,,,,,।
मेरे मोहब्बत के इन फूलों को आज सोनू तुम कबूल कर लो,,,,,,,,,,,,,,।
हम लौट जायेंगे आँखों मे सिर्फ तेरा मुस्कुराता चेहरा लिये,,,,,,,,,
जाते जाते मेरा एतबार कर लो तुम आखरी बार,,,,,,,,।
फिर कभी न आएंगे हम इज़हार ए मोहब्बत के लिये,,,,,,,,,,,,,,,,।।।
माना है तुझे मैने खुदा से भी बढ़कर इस जहाँ में,,,,,,
सदियों की चाहत है मेरे दिल मे सिर्फ तुम्हारे लिये।।।।।।।।।।
मैं टूट चुका हूँ सोनू अब तुम्हे मनाते मनाते,,,,,,,,,,
तुम लौट कर आओगी एक दिन यकीन है मेरे लिये।।।।
रचनाकार-गायत्री सोनू जैन
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