Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jun 2024 · 1 min read

तुम रूठकर मुझसे दूर जा रही हो

तुम रूठकर मुझसे दूर जा रही हो
क्या बात है जो मुझे तड़पा रही हो
मेरी गलतियां तो बताकर जाओ
लौटने का रास्ता बनाती जाओ
एक अवसर दो मुझे सुधरने का
सुधार नहीं हुआ तो चली जाओ
माना कि मैं नहीं समझ पाया तुम्हें
तुम भी तो समझ नहीं पाई हो मुझे
हमारी ज़िंदगी जहां आकर उलझ गई है
वह दुनियां हम दोनों की है सुलझ जायगी
तुम हिम्मत मत हारो मैं सब ठीक करूंगा
साथ होगा तो मैं पहले जैसा इंसान बनूंगा
_ सोनम पुनीत दुबे

19 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Sonam Puneet Dubey
View all
You may also like:
आसान कहां होती है
आसान कहां होती है
Dr fauzia Naseem shad
बचपन याद किसे ना आती ?
बचपन याद किसे ना आती ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मिसाल
मिसाल
Kanchan Khanna
"चंचल काव्या"
Dr Meenu Poonia
मैं कौन हूं
मैं कौन हूं
Anup kanheri
Ranjeet Shukla
Ranjeet Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
-- मंदिर में ड्रेस कोड़ --
-- मंदिर में ड्रेस कोड़ --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
दीवाली
दीवाली
Mukesh Kumar Sonkar
अच्छा लगता है
अच्छा लगता है
Harish Chandra Pande
चलो जिंदगी का कारवां ले चलें
चलो जिंदगी का कारवां ले चलें
VINOD CHAUHAN
ईश्वर की कृपा दृष्टि व बड़े बुजुर्ग के आशीर्वाद स्वजनों की द
ईश्वर की कृपा दृष्टि व बड़े बुजुर्ग के आशीर्वाद स्वजनों की द
Shashi kala vyas
"ख्वाहिश"
Dr. Kishan tandon kranti
आत्म बोध
आत्म बोध
DR ARUN KUMAR SHASTRI
2781. *पूर्णिका*
2781. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
అదే శ్రీ రామ ధ్యానము...
అదే శ్రీ రామ ధ్యానము...
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
अक्सर यूं कहते हैं लोग
अक्सर यूं कहते हैं लोग
Harminder Kaur
कभी ग़म से कभी खुशी से मालामाल है
कभी ग़म से कभी खुशी से मालामाल है
shabina. Naaz
बेरोज़गारी का प्रच्छन्न दैत्य
बेरोज़गारी का प्रच्छन्न दैत्य
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सावन
सावन
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
हाल मियां।
हाल मियां।
Acharya Rama Nand Mandal
देश हमरा  श्रेष्ठ जगत में ,सबका है सम्मान यहाँ,
देश हमरा श्रेष्ठ जगत में ,सबका है सम्मान यहाँ,
DrLakshman Jha Parimal
लाइब्रेरी की दीवारों में, सपनों का जुनून
लाइब्रेरी की दीवारों में, सपनों का जुनून
पूर्वार्थ
*आ गया मौसम वसंती, फागुनी मधुमास है (गीत)*
*आ गया मौसम वसंती, फागुनी मधुमास है (गीत)*
Ravi Prakash
रसों में रस बनारस है !
रसों में रस बनारस है !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
" बंध खोले जाए मौसम "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
🙅बड़ा सच🙅
🙅बड़ा सच🙅
*प्रणय प्रभात*
राधा की भक्ति
राधा की भक्ति
Dr. Upasana Pandey
मैं विवेक शून्य हूँ
मैं विवेक शून्य हूँ
संजय कुमार संजू
मेरी हर कविता में सिर्फ तुम्हरा ही जिक्र है,
मेरी हर कविता में सिर्फ तुम्हरा ही जिक्र है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Loading...