तुम रूठकर मुझसे दूर जा रही हो
तुम रूठकर मुझसे दूर जा रही हो
क्या बात है जो मुझे तड़पा रही हो
मेरी गलतियां तो बताकर जाओ
लौटने का रास्ता बनाती जाओ
एक अवसर दो मुझे सुधरने का
सुधार नहीं हुआ तो चली जाओ
माना कि मैं नहीं समझ पाया तुम्हें
तुम भी तो समझ नहीं पाई हो मुझे
हमारी ज़िंदगी जहां आकर उलझ गई है
वह दुनियां हम दोनों की है सुलझ जायगी
तुम हिम्मत मत हारो मैं सब ठीक करूंगा
साथ होगा तो मैं पहले जैसा इंसान बनूंगा
_ सोनम पुनीत दुबे