तुम रहनुमा हो मेरे
सदियों से हम साथ हैं फिर क्यों मन उदास है
तुम रहनुमा हो मेरे फिर क्यों नहीं है खुशी
जिंदगी कहां ठहर गई, क्या रह गई है कमी
तुम रहनुमा हो मेरे फिर कहां हुई है चूक
खुद को ढूंढना होगा, शयद कहीं खो गए हैं हम
मंजिल कोई भी हो हमारी रहना तो हमें साथ है
जिंदगी की भागदौड में नहीं छोडऩा साथ है
फिर जिंदगी में प्रेम बरसे ऐसा कुछ करें हम
तुम रहनुमा हो मेरे यह नहीं भूले हम
-विवेक श्रीवास्तव