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1 Jul 2024 · 1 min read

तुम धूप में होंगी , मैं छाव बनूंगा !

तुम धूप में होंगी , मैं छाव बनूंगा
तुम समंदर में होगी, मैं नाव बनूंगा
तुम बड़ा शहर सी, मैं गांव बनूंगा
तुम बनोगी राधा, मैं श्याम बनूंगा

The_dk_poetry

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