तुम धूप में होंगी , मैं छाव बनूंगा !
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तुम धूप में होंगी , मैं छाव बनूंगा
तुम समंदर में होगी, मैं नाव बनूंगा
तुम बड़ा शहर सी, मैं गांव बनूंगा
तुम बनोगी राधा, मैं श्याम बनूंगा
The_dk_poetry
तुम धूप में होंगी , मैं छाव बनूंगा
तुम समंदर में होगी, मैं नाव बनूंगा
तुम बड़ा शहर सी, मैं गांव बनूंगा
तुम बनोगी राधा, मैं श्याम बनूंगा
The_dk_poetry