तुम देवता उठा लाए थे
तुम देवता उठा लाए थे
आदमियों में देवता का क्या काम
देवताओं को पूजे जाने की चाहत
भूख प्यास का उसे रहता कहां है भान
देवता देवता के लिए ही सब करते हैं
अड़ते भी हैं और लड़ते हैं
आदमियों को तो तुच्छ जीव ही समझते हैं
जो आदमियों की समस्या हल करवानी हो तो
आदमी ही ढूंढ के लाना होगा
देवताओं को तो फिर मंदिर का राह दिखाना होगा
~ सिद्धार्थ