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15 Jun 2023 · 1 min read

******** तुम जो कहो ********

******** तुम जो कहो ********
***************************

नाज नखरे उठा लूँ तुम जो कहो,
पलकों में बिठा लूँ तुम जो कहो।

मखमल सा बदन बादलों से ढका,
कुछ बूँदें समा लूँ लूँ तुम जो कहो।

फूलों सा महके तेरा जोबन भरा,
खुशबू को चुरा लूँ तुम जो कहो।

कमल सा खिला प्यारा सा चेहरा,
दुनिया से छिपा लूँ तुम जो कहो।

पास आ कर भी दूर चले जाना,
मन मंदिर बसा लूँ तुम जो कहो।

मीन सी फड़फड़ाती जवानी रहे,
अपने संग बहा लूँ तुम जो कहो।

देखकर आपको चैन आता नहीं,
तुम्हे अपना बना लूँ तुम जो कहो।

खोया खोया रहे मनसीरत सदा,
खुद को पथ में लूँ तुम जो कहो।
*************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
94 Views
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