तुम जो आसमान से
तुम जो आसमान से टकरा गये
फिर क्यू वापस आके घबरा गये
जुनून की हद मे वो किया था
झील थे किया जो गहरा गये
खुद से खुद की बनती नही तुम्हारी
हवा मे थे किया जो लहरा गये
काबिलियत इन्सान की बस इतनी-सी
जब तक सुने तो सुने वरना बहरा गये
कोशिश कर ली उसने बहुत
हम अब उसी को दोहरा गये
“शमा”दो बात किया कर ली सच्चाई की
झूठ था नही गर तुम क्यो अचानक घबरा गये
शमा परवीन बहराइच उत्तर प्रदेश