तुम गर्भ में सुरक्षित हो
माँ, मैं तुम्हारी आँखों से
संसार देख रही हूँ
मुझे बहुत खूबसूरत लग रहा है यह संसार
मैं जल्द आना चाह रही हूँ
इस दुनिया में
कब पूरे होंगे मेरे दिन
जब मेरा जन्म होगा
और मैं देख सकूँगी दुनिया
अपनी आँखों से
जहाँ मेरा अपना घर होगा
मेरे अपने लोग होंगे
दादा दादी, मम्मी पापा, चाचा चाची
और भईयाँ का साथ होगा
इस आँगन से,
मेरे बचपन की शुरूआत होगी
जहाँ खुशियों की बारीश में
भिंगती मैं दिखूँगी
हर सूबह चहचहाती
मैं नजर आऊँगी
इसी आँगन में
खेलूँगी, कूदूँगी, रूठूँगी और मैं
नखरे दिखलाऊँगी
फिर मैं चेहरे पर मुस्कान भरकर
सबका दिल बहलाऊँगी
धीरे-धीरे भईयाँ की काॅपी कर
मैं भईयाँ जैसी बन जाऊँगी
एक दिन फिर मैं
भईयाँ संग स्कूल को जाऊँगी
पढ़ लिखकर मैं अफ्फसर बन जाऊँगी
फक्र से तुम्हारा सर ऊँचा हो जायेगा
फिर मैं सब लोगों की लाडली बन जाऊँगी
देख रही हूँ जो सपने मैं
अभी इस गर्भ में
सच कहती हूँ माँ, मैं
एक दिन इसे पूरा कर जाऊँगी
तेरा साथ रहे हर दम
ऐसी कामना माँ, मैं तुम से चाहूँगी
माँ तड़प कर कहती है
बेटी तुम अभी नादान हो
नहीं समझ पाओगी
मुखौटे में छिपे इंसान को
तुम अभी सुरक्षित हो
क्योंकि मेरे गर्भ में हो
जिस दिन दुनिया में आओगी
खुद को तन्हा पाओगी
सपने और हकीकत की
वास्तविकता को समझ नहीं पाओगी
बहुत जालिम है ये दुनिया
खुद को कैसे बचाओगी
मैं माँ हूँ, इसलिए तुम्हारी फिक्र है
कब तक मैं तुमको आँचल में
छुपाकर रख पाऊँगी
जिस दिन तुम मेरी आँचल से दूर होगी
तुम दुनिया की नजरो से घिर जाओगी
कदम-कदम पर तुमको
मानव के रूप में दानव नजर आयेंगे
तो बोलो बेटी, तुम कैसे लड़ पाओगी
खूबसूरत नहीं भ्रमजाल है ये दुनिया
इसमें ही उलझकर रह जाओगी
मैं सिर्फ इतना ही कह पाऊँगी
जब तक मेरी साँस रहेगी
तुम पर न कोई आँच आयेगी ।