“तुम क्यों न मिली मुझको…!!”
ये शाम आजकल मुझे काटने को दौड़ती है,
कब आओगी तुम, ये हर रात पूछती है…!
तुम किसी और की आबरू हो, ये पता है मुझे…
और यही बात मुझे हर वक़्त खलती है…!!
तुम याद आती हो तो किस्से याद आते है,
अपने इश्क़ की दास्ताँ हम सबको सुनाते है…!
अजनबी बनके ही सही, फिर मिलती एक दफ़ा,
तुम क्यों न मिली मुझको, ये खुदा से हम पूछते जाते है…!!
❤Love Ravi❤