Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Oct 2021 · 1 min read

तुम कहां

कह रहा प्रियतमा दंभ नहीं बेपनाह प्यार किया
घनेरी जुल्फो मे कभी आखों मे डूब इजहार किया

बिंदिया सजे ललाट ज्यों चमके सूरज दोपहर का
काम कमान भंवे कजरारे नयनों से रसपान किया

गुलाबी पंखुडी ओठ गालों का मतवाला खिंचाव
बेचैन हुए मदहोश हुए डूबे उतरे कई बार किया।

तराशा बदन चंदन खुशबू मदमस्त चाल मतवारी
नजर के तीर अदा भरपूर मरे जिए सौ बार किया।

आलिंगन स्नेह चाहत मिला-दिया भरपूर प्यार
खूब किया कम किया, ज्यादा तुमने प्यार किया।

आओ फिर एक बार, है तुमको मुझसे प्यार बहुत
मै यहां तुम कहां ढूँढू कहां? ऐसा क्यों यार किया?

स्वरचित मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित
अश्वनी कुमार जायसवाल कानपुर 9044134297

3 Likes · 6 Comments · 361 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अजब दुनियां के खेले हैं, ना तन्हा हैं ना मेले हैं।
अजब दुनियां के खेले हैं, ना तन्हा हैं ना मेले हैं।
umesh mehra
"मोबाइल फोन"
Dr. Kishan tandon kranti
दो अपरिचित आत्माओं का मिलन
दो अपरिचित आत्माओं का मिलन
Shweta Soni
संगीत
संगीत
Vedha Singh
प्यारी तितली
प्यारी तितली
Dr Archana Gupta
शक्ति का पूंजी मनुष्य की मनुष्यता में है।
शक्ति का पूंजी मनुष्य की मनुष्यता में है।
प्रेमदास वसु सुरेखा
आज देव दीपावली...
आज देव दीपावली...
डॉ.सीमा अग्रवाल
सर्दी में कोहरा गिरता है बरसात में पानी।
सर्दी में कोहरा गिरता है बरसात में पानी।
ख़ान इशरत परवेज़
मैं तेरा कृष्णा हो जाऊं
मैं तेरा कृष्णा हो जाऊं
bhandari lokesh
3162.*पूर्णिका*
3162.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सावन और साजन
सावन और साजन
Ram Krishan Rastogi
सारे  ज़माने  बीत  गये
सारे ज़माने बीत गये
shabina. Naaz
12, कैसे कैसे इन्सान
12, कैसे कैसे इन्सान
Dr Shweta sood
समझा दिया
समझा दिया
sushil sarna
ग्रंथ
ग्रंथ
Tarkeshwari 'sudhi'
नया सपना
नया सपना
Kanchan Khanna
सफर ऐसा की मंजिल का पता नहीं
सफर ऐसा की मंजिल का पता नहीं
Anil chobisa
सब सूना सा हो जाता है
सब सूना सा हो जाता है
Satish Srijan
कितना ज्ञान भरा हो अंदर
कितना ज्ञान भरा हो अंदर
Vindhya Prakash Mishra
पुस्तकें
पुस्तकें
नन्दलाल सुथार "राही"
दूरियां ये जन्मों की, क्षण में पलकें मिटातीं है।
दूरियां ये जन्मों की, क्षण में पलकें मिटातीं है।
Manisha Manjari
कुत्ते की पूंछ भी
कुत्ते की पूंछ भी
*Author प्रणय प्रभात*
*खूब थी जिंदा कि ज्यों, पुस्तक पुरानी कोई वह (मुक्तक)*
*खूब थी जिंदा कि ज्यों, पुस्तक पुरानी कोई वह (मुक्तक)*
Ravi Prakash
मौन में भी शोर है।
मौन में भी शोर है।
लक्ष्मी सिंह
गरीबी……..
गरीबी……..
Awadhesh Kumar Singh
जोशीला
जोशीला
RAKESH RAKESH
परेशानियों का सामना
परेशानियों का सामना
Paras Nath Jha
किसी भी चीज़ की आशा में गवाँ मत आज को देना
किसी भी चीज़ की आशा में गवाँ मत आज को देना
आर.एस. 'प्रीतम'
'हक़' और हाकिम
'हक़' और हाकिम
आनन्द मिश्र
तुममें और मुझमें बस एक समानता है,
तुममें और मुझमें बस एक समानता है,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Loading...