तुम और मैं****5
तुम्हारी याद हर बार
यूं लहर बन आती है
और मिटा जाती है
मुझे, मेरे बजूद को…
और छोड़ जाती है
बस कुछ निशान
अपने होने के।।
तुम्हारी याद हर बार
यूं लहर बन आती है
और मिटा जाती है
मुझे, मेरे बजूद को…
और छोड़ जाती है
बस कुछ निशान
अपने होने के।।