तुम और मैं****3
चंचल यौवना
चाहती थिरकना
मन की करना
खुल कर बरसना…..
बरसात सी ….तुम
और मैं,,,, मैं मेघ सा
चाहता तुमको
जकड़ना, कैद करना
बस अपनी पकड़ में रखना…..
लेकिन…
आखिर कब तक……
चंचल यौवना
चाहती थिरकना
मन की करना
खुल कर बरसना…..
बरसात सी ….तुम
और मैं,,,, मैं मेघ सा
चाहता तुमको
जकड़ना, कैद करना
बस अपनी पकड़ में रखना…..
लेकिन…
आखिर कब तक……