तुम और मैं
तुम प्रेम – मैं कहानी,
तुम गीत – मैं रवानी।
तुम फूल मैं सुवास
तुम मन मैं अहसास
तुम दीपक – मैं बाती,
तुम सीपी – मैं मोती।
तुम सागर – मैं पानी,
तुम चरित्र – मैं कहानी ।
तुम हृदय – मैं धड़कन,
तुम नजर – मैं नयन ।
तुम रूह – मैं काया ,
तुम वृक्ष – मैं छाया।
तुम अग्नि – मैं तपिश ,
तुम बादल – मैं बारिश ।
तुम शब्द – मैं अर्थ,
तुम बिन मैं व्यर्थ।
लक्ष्मी वर्मा “प्रतीक्षा”
खरियार रोड,ओड़िशा।