– तुम्हे गुनगुनाते है –
– तुम्हे गुनगुनाते है –
गीत गजले प्रेम की हम सबको सुनाते है,
हम हरदम मन ही मन तुम्हे गुनगुनाते है,
तेरे हुस्न तेरी लालिमा का
ललाट का पर सूर्य सा तेज,
पढ़ने पढ़ाने में हो तुम सर्वश्रेष्ठ,
सादगी में तुम्हारा नही है कोई सानी,
यह बात हमको कविता में है सबको बतानी,
तुम्हारे प्रति अटूट प्रेम,
वो निस्वार्थ रिश्ता जो है सबसे विशेष,
तुम्हारी बाते हम प्रेम करने वाले नए लोगो को बताते है,
तुम्हारे द्वारा किए असीम प्रेम का हम गुणगान गाते है,
हम तुम्हे गुनगुनाते है,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान