तुम्हें भूल नहीं सकता कभी
तुम्हें भूल नहीं सकता कभी।
तुम्हें दूर नहीं कर सकता कभी।।
दिल में हमेशा रहती है तू।
तुम्हें छोड़ नहीं सकता कभी।।
तुम्हें भूल नहीं—————-।।
मुझे याद मिलन वह अब तक है।
जब प्यार की बात शुरु हुई।।
कई बार मिले अकेले फिर।
मोहब्बत यह परवान हुई।।
मुझसे लिपटकर हँसती थी तू ।
वह याद मिटा नहीं सकता कभी।।
तुम्हें भूल नहीं——————–।।
चलती थी अदा से इठलाकर।
जब राह में हम तुम मिलते थे।।
करती थी इशारे शरमाकर।
जब होकर जुदा हम चलते थे।।
मेरे सुर में सुर मिलाकर तेरा।
वो गाना नहीं भूल सकता कभी।।
तुम्हें भूल नहीं——————-।।
कभी रुठकै हमसे तेरा लड़ना।
तुमको मनाना रोने पर।।
चाहे तेरा यह नाटक था।
हम टूट गए यह होने पर।।
मगर मेरा प्यार सच्चा है।
नाचीज नहीं हो सकता कभी।।
तुम्हें भूल नहीं—————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)