तुम्हें पाना, तुम्हे चाहना
तुम्हें पाना, तुम्हे चाहना
सपनों में तुम्हारी बाहों का एहसास,
जैसे पूनम की रात में
शीतल चाँदनी सा एहसास
तू है, तो हर रंग खिलता है,
तेरे बिना सब कुछ
श्मशान सा दीखता है
तन्हाई दूर दूर तक भगाती है मुझे
तेरे आगोश में छिप जाऊँ
ये एहसास दिलाती हैं मुझे
तू ही मेरा सब कुछ है,
तेरे बिना ये जिंदगी अधूरी सी लगती है।
हिमांशु Kulshrestha