तुम्हीं रस्ता तुम्हीं मंज़िल
1)सनम तुमसे ये पर्दा क्यूं करें हम
मुहोबत को यूं रुसवा क्यूं करें हम
2)शिक़ायत और ये शिक़वा क्यूं करें हम
वो जाता है तो रोका क्यूं करें हम
3)ज़माने के निशाने पर है उल्फ़त
तो दिल को यूं निशाना क्यूं करें हम
4)नहीं बस की ये उल्फ़त शय निभानी
हंसाना और रुलाना क्यूं करें हम
5)शमा जलती है परवाने की ख़ातिर
हम इसां हैं ये जलना क्यूं करें हम
6)भरोसा क्या है अगले पल भी क्या हो
उमर भर का ये वादा क्यूं करें हम
7)तुम्हीं रस्ता हो मंज़िल मंतशा तुम
कोई झूठा बहाना क्यूं करें हम
🌹मोनिका मंतशा🌹